Rajasthan Agriculture Supervisor 2025

राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा | पाठ्यक्रम और तैयारी

Agriculture Supervisor Syllabus 2025 Highlight

Feature Details
Vacancy Name Rajasthan Agriculture Supervisor 2025
Recruitment Board Rajasthan Subordinate and Ministerial Services Selection Board (RSMSSB)
Total Vacancies 914 (Tentative)
Job Location Rajasthan
Exam Mode Offline
Exam Date 25 January 2026
Eligibility Criteria 12th Pass (Agriculture Subject)
Selection Process Written Exam and Document Verification
Official Website rsmssb.rajasthan.gov.in

Agriculture Supervisor Exam Pattern 2025

प्रश्न पत्र का भाग विषय का नाम प्रश्नों की संख्या कुल अंक
भाग-I सामान्य हिन्दी 15 45
भाग-II राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति 25 75
भाग-III शस्य विज्ञान 20 60
भाग-IV उद्यानिकी 20 60
भाग-V पशुपालन 20 60
कुल योग 100 300

Info!
राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक पाठ्यक्रम को 5 भागों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक भाग के लिए प्रश्नों की संख्या एवं अंक निर्धारित किए गए हैं।

  • I. सामान्य हिन्दी
  • II. राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति
  • III. शस्य विज्ञान
  • IV. उद्यानिकी
  • V. पशुपालन

भाग-1 सामान्य हिन्दी

  • दिये गये शब्दों की संधि एवं शब्दों का संधि-विच्छेद।
  • उपसर्ग एवं प्रत्यय – इनके संयोग से शब्द – संरचना तथा शब्दों से उपसर्ग एवं प्रत्यय को पृथक् करना, इनकी पहचान।
  • शब्द युग्मों का अर्थ भेद।
  • पर्यायवाची शब्द और विलोम शब्द।
  • शब्द शुद्धि– दिये गये अशुद्ध शब्दों को शुद्ध लिखना।
  • समस्त (सामासिक) पद् की रचना करना, समस्त (सामासिक) पद का विग्रह करना।
  • पारिभाषिक शब्दावली प्रशासन से सम्बन्धित अंग्रेजी शब्दों के समकक्ष हिन्दी शब्द।
  • वाक्य शुद्धि– वर्तनी संबंधी अशुद्धियों को छोडकर वाक्य संबंधी अन्य व्याकरणिक अशुद्धियों का शुद्धिकरण।
  • वाक्यांश के लिये एक उपयुक्त शब्द।
  • लोकोक्ति- वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।
  • मुहावरे– वाक्यों में केवल सार्थक प्रयोग अपेक्षित है।

भाग-2 राजस्थान का सामान्य ज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति

  • राजस्थान की भौगोलिक संरचना– भौगोलिक विभाजन, जलवायु, प्रमुख पर्वत, नदियां, मरूस्थल एवं फसलें।
  • राजस्थान का इतिहास:
    • सभ्यताएं- कालीबंगा एवं आहड़।
    • प्रमुख व्यक्तित्व- महाराणा कुंभा, महाराणा सांगा, महाराणा प्रताप, राव जोधा, राव मालदेव, महाराजा जसवंतसिंह, वीर दुर्गादास, जयपुर के महाराजा मानसिंह– प्रथम, सवाई जयसिंह, बीकानेर के महाराजा गंगासिंह इत्यादि।
    • राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार, लोक कलाकार, संगीतकार, गायक कलाकार, खेल एवं खिलाड़ी।
  • विभिन्न राजस्थानी बोलियां, कृषि, पशुपालन क्रियाओं की राजस्थानी शब्दावली।
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान का योगदान एवं राजस्थान का एकीकरण।
  • राजस्थानी लोक कथा, लोक गीत एवं नृत्य, मुहावरे, कहावतें, फड, लोक नाट्य, लोक वाद्य एवं कठपुतली कला।
  • कृषि, पशुपालन एवं व्यावसायिक शब्दावली।
  • लोक देवी – देवता– प्रमुख संत एवं सम्प्रदाय।
  • प्रमुख लोक पर्व, त्योहार, मेले– पशु मेले।
  • विभिन्न जातियां एवं जनजातियां।
  • स्त्री– पुरूषों के वस्त्र एवं आभूषण।
  • चित्रकारी एवं हस्तशिल्पकला:
    • चित्रकला की विभिन्न शैलियां, भित्ति चित्र।
    • प्रस्तर शिल्प, काष्ठ कला, मृदमाण्ड (मिट्टी) कला, उस्ता कला।
    • हस्त औजार, नमदे – गलीचे आदि।
  • स्थापत्य:
    • दुर्ग, महल, हवेलियां, छतरियां, बावडियां, तालाब।
    • मंदिर-मस्जिद आदि।
  • संस्कार एवं रीति रिवाज।
  • धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल।

भाग-3: शस्य विज्ञान

  • राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, कृषि एवं कृषि सांख्यिकी का सामान्य ज्ञान।
  • राज्य में कृषि, उद्यानिकी एवं पशुधन का परिदृश्य एवं महत्व।
  • राजस्थान की कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादन में मुख्य बाधाऐं।
  • राजस्थान के जलवायुवीय खण्ड, मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता।
  • क्षारीय एवं उसर भूमियां, अम्लीय भूमि एवं इनका प्रबन्धन।
  • राजस्थान में मृदाओं का प्रकार, मृदा क्षरण, जल एवं मृदा संरक्षण के तरीके।
  • पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व, उपलब्धता एवं स्त्रोत।
  • राजस्थानी भाषा में परम्परागत शस्य क्रियाओं की शब्दावली।
  • जीवांश खादों का महत्व, प्रकार एवं बनाने की विधियां।
  • नत्रजन, फास्फोरस, पोटेशियम उर्वरक, एकल, मिश्रित एवं योगिक उर्वरक एवं उनके प्रयोग की विधियां।
  • फसलोत्पादन में सिंचाई का महत्व, सिंचाई के स्त्रोत, फसलों की जल मांग एवं प्रभावित करने वाले कारक।
  • सिंचाई की विधियां विशेषतः फव्वारा, बून्द-बून्द, रेनगन आदि।
  • सिंचाई की आवश्यकता, समय एवं मात्रा।
  • जल निकास एवं इसका महत्व, जल निकास की विधियां।
  • राजस्थान के संदर्भ में परम्परागत सिंचाई से संबंधित शब्दावली।
  • मृदा परीक्षण एवं समस्याग्रस्त मृदाओं का सुधार।
  • साईजेल, हे-मेकिंग, चारा संरक्षण।
  • खरपतवार विशेषताऐं, वर्गीकरण, खरपतवारों से नुकसान, खरपतवार नियंत्रण की विधियां।
  • राजस्थान की मुख्य फसलों में खरपतवारनाशी रसायनों से खरपतवार नियंत्रण।
  • खरपतवारों की राजस्थानी भाषा में शब्दावली।
  • निम्न मुख्य फसलों के लिए जानकारी:
    • अनाज वाली फसलें – मक्का, ज्वार, बाजरा, धान, गेहूं एवं जौ।
    • तिलहनी फसलें – मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सरसों, अलसी, अरण्डी, सूरजमुखी एवं तारामीरा।
    • दालें – मूंग, चॅवला, मसूर, उड़द, मोठ, चना एवं मटर।
    • नकदी फसलें – ग्वार एवं गन्ना।
    • रेशेदार फसलें – कपास।
    • चारे वाली फसलें – बरसीम, रिजका एवं जई।
    • मसाले वाली फसलें – सौंफ, मैथी, जीरा एवं धनिया।
  • शुष्क खेती – महत्व, शुष्क खेती की तकनीकी।
  • मिश्रित फसल, इसके प्रकार एवं महत्व।
  • फसल चक्र – महत्व एवं सिद्धान्त।
  • राजस्थान के संदर्भ में कृषि विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी।
  • अनाज एवं बीज का भण्डारण।
  • उत्तम बीज के गुण, बीज अंकुरण एवं इसको प्रभावित करने वाले कारक।
  • बीज वर्गीकरण – मूल केन्द्रक बीज, प्रजनक बीज, आधार बीज, प्रमाणित बीज।

भाग-4 उद्यानिकी

राजस्थान में जलवायु, मृदा, उन्नत किस्में, प्रवर्धन विधियां, जीवांश खाद व उर्वरक, सिंचाई, कटाई, उपज, प्रमुख कीट एवं बीमारियां एवं इनका नियंत्रण सहित निम्न उद्यानिकी फसलों की जानकारी:

आम, नीम्बू वर्गीय फल, अमरूद, अनार, पपीता, बेर, खजूर, आंवला, अंगूर, लहसूवा, बील, टमाटर, प्याज, फूल गोभी, पत्ता गोभी, भिण्डी, कद्दू वर्गीय सब्जियां, बैंगन, मिर्च, लहसून, मटर, गाजर, मूली, पालक।

फल एवं सब्जी परीरक्षण

फल एवं सब्जी परीरक्षण का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य, फल परीरक्षण के सिद्धान्त एवं विधियां।
डिब्बाबन्दी, सुखाना एवं निर्जलीकरण की तकनीक व राजस्थान में इनकी परम्परागत विधियां।
फलपाक (जैम), अवलेह (जेली), केन्डी, शर्बत, पानक (स्क्वेश) आदि को बनाने की विधियां।

औषधीय पौधों व फूलों की खेती

औषधीय पौधों व फूलों की खेती का राजस्थान के संदर्भ में सामान्य ज्ञान।

उद्यान विभाग की योजनाएं

राजस्थान के संदर्भ में उद्यान विभाग की महत्वपूर्ण योजनाएं।

उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्व

उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य।
फलदार पौधों की नर्सरी प्रबन्धन।
पादप प्रवर्धन, पौध रोपण।
फलोद्यान के स्थान का चुनाव एवं योजना।
उद्यान लगाने की विभिन्न रेखांकन विधियां।

मौसम की विपरीत परिस्थितियां

पाला, लू एवं अफलन जैसी मौसम की विपरीत परिस्थितियां एवं इनका समाधान।
फलोद्यान में विभिन्न पादप वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग।

सब्जी उत्पादन

सब्जी उत्पादन की विधियां एवं सब्जी उत्पादन में नर्सरी प्रबन्धन।

भाग-5 पशुपालन

पशुपालन का कृषि में महत्व

  • पशुधन का दूध उत्पादन में महत्व एवं प्रबंधन।

निम्न पशुधन नस्लों की विशेषताएं, उपयोगिता व उत्पति स्थान का सामान्य ज्ञान

  • भैंस: मुर्रा, सूर्ती, नीली रावी, भदावरी, जाफरवादी, मेहसाना।
  • गाय: गीर, थारपारकर, नागौरी, राठी, जर्सी, होलिस्टन फ्रिजीयन, मालवी, हरियाणा, मेवाती।
  • भेड़: मारवाड़ी, चोकला, मालपुरा, मेरीनो, कराकुल, जैसलमेरी, अविवस्त्र, अविकालीन।
  • बकरी: जमनापारी, बारबरी, बीटल, टोगनबर्ग।

ऊंट प्रबंधन, पशुओं की आयु गणना

सामान्य पशु औषधियों के प्रकार, उपयोग, मात्रा तथा दवाईयें देने का तरीका

  • जीवाणुरोधक: फिनाईल, कार्बोलिक एसिड, पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा), लाईसोल।
  • विरेचक: मेग्नेशियम सल्फेट (मैकसल्फ), अरण्डी का तेल।
  • उत्तेजक: एल्कोहल, कपूर।
  • कृमिनाशक: नीला थोथा, फिनोविस।
  • मर्दन तेल: तारपीन का तेल।

राजस्थान के पशुओं की मुख्य बीमारियों के कारक, लक्षण तथा उपचार

दुग्ध उत्पादन, दुग्ध एवं खीस संघटन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, दुग्ध परिरक्षण, दुग्ध परीक्षण एवं गुणवत्ता

  • दुग्ध में वसा को ज्ञात करना, आपेक्षित घनत्व, अम्लता तथा क्रीम प्रथक्करण की विधि तथा यंत्रों की आवश्यक्ता।

दुग्धशाला के बरतनों की सफाई एवं जीवाणु रहित करना

राजस्थान के संदर्भ में पशुपालन क्रियाओं एवं गतिविधियों से संबंधित शब्दावली

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राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा क्या है?

राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा, राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) द्वारा आयोजित एक प्रतियोगी परीक्षा है। इसका उद्देश्य कृषि विभाग में कृषि पर्यवेक्षक पद के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करना है।

राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा के पाठ्यक्रम में कौन-कौन से विषय शामिल हैं?

पाठ्यक्रम में मुख्य रूप से निम्नलिखित विषय शामिल हैं: सामान्य कृषि: मिट्टी विज्ञान, कृषि विज्ञान, बागवानी, पौध प्रजनन और कृषि अर्थशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत। पशुपालन: पशु प्रजनन, पोषण और स्वास्थ्य के मूल सिद्धांत। सामान्य ज्ञान (GK): राजस्थान के भूगोल, इतिहास, संस्कृति और समसामयिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित।

राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा का आधिकारिक पाठ्यक्रम कहां से डाउनलोड करें?

आप RSMSSB की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय शैक्षणिक पोर्टल्स से पाठ्यक्रम डाउनलोड कर सकते हैं।

क्या राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा में नकारात्मक अंकन होता है?

हां, इसमें नकारात्मक अंकन होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाते हैं।

परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे अच्छी पुस्तकें कौन सी हैं?

अनुशंसित पुस्तकें हैं: राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक" – डॉ. लक्ष्मी नारायण शर्मा एग्रीकल्चर एट अ ग्लांस" – आर.के. शर्मा राजस्थान जीके की पुस्तकें

कृषि पर्यवेक्षक मॉक टेस्ट के लिए कोई विशेष संसाधन हैं?

हां, मॉक टेस्ट निम्नलिखित स्थानों पर उपलब्ध हैं: RSMSSB की आधिकारिक वेबसाइट टेस्टबुक, ग्रेडअप और अनअकैडमी जैसे शैक्षणिक पोर्टल्स www.agrimastermind.in जैसे ब्लॉग्स

राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा कब आयोजित होती है?

परीक्षा की तिथि RSMSSB द्वारा उनकी आधिकारिक अधिसूचना में घोषित की जाती है।

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