राजस्थान का उत्पत्ति और भूगोल
राजस्थान का भूगोल और उत्पत्ति कई महत्वपूर्ण भौगोलिक अवधारणाओं से जुड़ी हुई है, जिनमें पेंजिया और पेंथालासा प्रमुख हैं।
पेंजिया - महाद्वीपों का संयुक्त रूप
अलफ्रेड वेगनर के अनुसार, सभी महाद्वीपों को मिलाकर एक विशाल महाद्वीप 'पेंजिया' बना था, जो अब दो भागों में विभाजित है।
पेंजिया का विभाजन
वर्तमान में पेंजिया दो प्रमुख भागों में बाँटा गया है:

पेंथालासा और पेंजिया का भूगोल: यह चित्र अंगारालैण्ड और गोंडवाना महाद्वीपों के विभाजन को दर्शाता है, जो प्राचीन पेंथालासा महासागर के दौरान एक साथ जुड़े थे। यह चित्र महाद्वीपों की उत्पत्ति और पृथ्वी के भूतात्विक इतिहास को समझने में सहायक है।
अंगारालैण्ड - उत्तरी भाग
- उत्तर अमेरिका
- यूरोप
- उत्तरी एशिया
गोंडवाना लैण्ड - दक्षिणी भाग
- दक्षिण अमेरिका
- अफ्रीका
- दक्षिण एशिया
- ऑस्ट्रेलिया
- अंटार्कटिका
पेंथालासा - महासागरों का विस्तृत रूप
सभी महासागरों को 'पेंथालासा' कहा जाता है, जिसमें प्रशांत महासागर सबसे बड़ा है। पेंथालासा का मुख्य भाग प्रशांत महासागर (46%) है।
टेथिस सागर
टेथिस सागर, जो अंगारालैण्ड और गोंडवाना लैण्ड के मध्य स्थित था, कई प्रमुख भूगोलिक संरचनाओं का निर्माण करता है:
- हिमालय पर्वत माला
- उत्तरी विशाल मैदान
- थार मरुस्थल
राजस्थान का भूगोल
राजस्थान की उत्पत्ति में इन भूगोलिक संरचनाओं का योगदान महत्वपूर्ण है।
राजस्थान में पेंजिया के दक्षिणी भाग गोंडवाना लैण्ड से संबंधित भूभागों का प्रभाव देखा जा सकता है।